दुविधा की स्थिति में निर्णय कैसे लें ?
हम अक्सर ज़रूरी और सुविधाजनक के बीच चुनने से डरते हैं। हम अपने आसान और आरामदायक खोल से निकलना नहीं चाहते। हम जोखिम से डरते हैं। इन सबसे कभी कभी हम सिर्फ कन्फ्यूज्ड ही होते हैं, हमें पता नहीं होता कि क्या चाहिए। स्ट्रॉबेरी चाहिए या चॉकलेट, #फैन मूवी देखना है या #जंगल बुक, शायद इस वक़्त यही लोगों की सबसे बड़ी दुविधा है:)
खैर, अगर आप समस्या में हैं, तो कैसे उसका समाधान करके एक फैसला लेंगे?
- खुद से पूछिए कि आप क्या चाहते हैं- कभी कभी हम एक ऐसा कार्य, नौकरी करने में जीवन बिता देते हैं, जिसमें हमारे करने, बढ़ने लायक कुछ नहीं होता, काम भी अच्छा नहीं होता, हम सिर्फ इसलिए काम कर रहे होते हैं कि हमें वेतन मिलता है। पर ऐसे में आप खुद से सवाल करें की आप आखिर क्या चाहते हैं? वही काम करें जो आपको पसंद है। सुविधा की चिंता ना करें। इससे फैसला लेने में सुविधा होगी। बाद में अफ़सोस नहीं होगा कि कोशिश क्यों नहीं की।
- ज्यादा अनुकूल विकल्प को चुने और दुविधा मिटायें- चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी में से जिस स्वाद की तरफ आपका ज्यादा झुकाव है उसे चुनें। फैन और जंगल बुक में से जिस फिल्म के शो का समय नज़दीक के मॉल में है उसे चुने तो दुविधा मिटेगी और आप एक फैसले पर पहुँच पाएंगे।
- खुद से पूछें क्या आप आईने में अपनी शक्ल देख पाएंगे- कुछ अधिक पैसों के लिए अगर आप एक गलत टेंडर पास करने के बारे में सोचते हैं, तो आप में दुविधा होती है, नैतिकता को चुने या परिवार की खुशहाली। तब खुद से ये सवाल पूछें की ऐसा कार्य करके आप को क्या मानसिक शांति मिल पाएगी? ज़मीर के विरुद्ध जा कर कोई फैसला ना लें।
- जब भी आपको सचेतन रूप से जोखिम लेने से डर लगे, तो याद रखें की गलतियों से ही इंसान आगे बढ़ता है- जन्म से कोई हर काम सही करना नहीं सीखता। आमिर खान जी ने भी जीवन की शुरुआत में 'आतंक ही आतंक', ‘तुम मेरे हो' और 'मेला' जैसी फिल्में की थी, तभी आज वे Perfectionist हैं :) अपनी गलतियों से ही इंसान सीखता है और बेहतर बनता है। सोच समझ का इस्तमाल करें, लेकिन ज्यादा सोचने से Confused हो जाएंगे। जो सही लगे फैसला लीजिए, गलत भी हुआ तो ठीक है।
- दुविधा को दोस्तों के साथ बाटें- जनमत कभी कभी हमें और परेशान कर सकती है, लेकिन दोस्तों के अनुभव हमें ज़रूर काम आते हैं। जब आप फैसला ना ले पाएं, तो दोस्तों को आप के लिए फैसला लेने दें। छोटे फैसलों के लिए दिमाग और बड़े फैसलों के लिए दिल का इस्तमाल करें।
- खुद से पूछें क्या आप किसी सही उद्देश्य से काम कर रहे है- हर काम का एक उद्देश्य होना ज़रूरी है। खुद की उन्नति या समाज की उन्नति के लिए हम काम करते हैं। खुद से पूछें आपका उद्देश्य क्या है, तो सही फैसला ले पाएंगे।
- परेशानी को लिख कर उसका समाधान करें- अगर आप दुविधा में हैं, तो एक कागज़ पर आपकी चिंताओं को लिख कर व्यक्त करें। आप क्या चाहते हैं ये भी लिखें। और ऑप्शन को सामने रखें फिर उन पर टिक मार्क कर के फैसला लें।
- दृढ़ता से फैसला करना भी एक आदत है- इसका अभ्यास करें, सही गलत को ठीक से समझें। इससे निर्णय लेना आसान हो जाएगा।
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